ढिंग एक्सप्रेस
अपने अंदर की कला पहचानने की समझ
और कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है हिमादास इसका जीता जागता उदाहरण है
19 वर्ष की उम्र में 19 दिन में 5 गोल्ड मेडल और अंतरराष्ट्रीय ट्रैक इवेंट में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारत की स्टार रनर हिमा दास लेकिन इनका ये सफर काटों भरा था।
हिमा दास ने इंटर्डिस्ट की 100 और 200 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीत लिया
और आज हिमा दास ने मिल्खा सिंह और पी टी उषा का रिकॉर्ड तोड दिया है
हिमा दास ने बिना किसी प्रोफेशनल ट्रेनिंग के काम कर दिखाया
हिमा दास का ये सफर 2 जुलाई से शुरू हुआ
पोलैंड में पोजनान एथेलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स में स्वर्ण पदक महिलाओं की 200 मीटर रेस का हिस्सा लिया 23.65 सेकेंड में पूरा कर पहला गोल्ड मेडल जीता
7 जुलाई को 200 मीटर रेस को 23,97 सेकेंड में पूरा किया एक बार फिर गोल्ड मेडल जीता
13 जुलाई को तीसरा मेडल 200 मीटर की रेस को 23,43 सेकेंड में पूरा कर जीता
17 जुलाई को तबोर में हुए चौथा गोल्ड मेडल जीता
ताबोर में 200 मीटर रेस को 23,25 सेकेंड में पूरा किया
हिमा दास अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड से 1,5 सेकेंड पीछे रह गए
हिमा दास ने अपना पांचवां गोल्ड मेडल 20 जुलाई को जीता
हिमा दास ने 400 मीटर की रेस में 52,09 सेकेंड में पूरा किया
हिमा दास का सर्वश्रेष्ठ समय 50.79 सेकेंड है
असम में जन्मी हिमा दास ने स्कूल के दिनों फुटबॉल खेला करती थी
विश्व स्तर पर हिमा दास गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला एथेलीट बनी
ट्रैक स्पर्धा में विश्व स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी
हिमा दास से पहले किसी ने ट्रैक स्पर्धा में विश्व चैम्पियन शिप में गोल्ड नहीं जीता है
यहां तक की मिल्खा सिंह और पी टी उषा भी यह कारनामा नहीं कर पाई
हिमा दास ने अप्रैल 2018 में राष्ट्रमडल खेलो की 400 मीटर स्पर्धा में छठा स्थान हासिल किया इसमें हिमा ने 51.32 सेकेंड में दौड़ पूरी कर भारतीय अंडर20 रिकॉर्ड बनाया था
हिमा दास का जन्म 9 जनवरी 2000 को हिमा दास असम स्टेट के छोटे से गांव कंदुली गाव से है
हिमा दास के पिता किसान है उनके पास 2 बीघा केवल जमीन है
हिमा के पिता का नाम रंजीत दास और उनकी माता का नाम जोनाली दास है
हिमा अपने 6 भाई बहनों में सबसे छोटी है कुल 17 लोगो का परिवार है सभी खेती करते है
वैसे हिमा दास का बचपन में कैरियर फुटबॉल में बनाने का था
अपने अंदर की कला पहचानने की समझ
और कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है हिमादास इसका जीता जागता उदाहरण है
19 वर्ष की उम्र में 19 दिन में 5 गोल्ड मेडल और अंतरराष्ट्रीय ट्रैक इवेंट में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारत की स्टार रनर हिमा दास लेकिन इनका ये सफर काटों भरा था।
हिमा दास ने इंटर्डिस्ट की 100 और 200 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीत लिया
और आज हिमा दास ने मिल्खा सिंह और पी टी उषा का रिकॉर्ड तोड दिया है
हिमा दास ने बिना किसी प्रोफेशनल ट्रेनिंग के काम कर दिखाया
हिमा दास का ये सफर 2 जुलाई से शुरू हुआ
पोलैंड में पोजनान एथेलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स में स्वर्ण पदक महिलाओं की 200 मीटर रेस का हिस्सा लिया 23.65 सेकेंड में पूरा कर पहला गोल्ड मेडल जीता
7 जुलाई को 200 मीटर रेस को 23,97 सेकेंड में पूरा किया एक बार फिर गोल्ड मेडल जीता
13 जुलाई को तीसरा मेडल 200 मीटर की रेस को 23,43 सेकेंड में पूरा कर जीता
17 जुलाई को तबोर में हुए चौथा गोल्ड मेडल जीता
ताबोर में 200 मीटर रेस को 23,25 सेकेंड में पूरा किया
हिमा दास अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड से 1,5 सेकेंड पीछे रह गए
हिमा दास ने अपना पांचवां गोल्ड मेडल 20 जुलाई को जीता
हिमा दास ने 400 मीटर की रेस में 52,09 सेकेंड में पूरा किया
हिमा दास का सर्वश्रेष्ठ समय 50.79 सेकेंड है
असम में जन्मी हिमा दास ने स्कूल के दिनों फुटबॉल खेला करती थी
विश्व स्तर पर हिमा दास गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला एथेलीट बनी
ट्रैक स्पर्धा में विश्व स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी
हिमा दास से पहले किसी ने ट्रैक स्पर्धा में विश्व चैम्पियन शिप में गोल्ड नहीं जीता है
यहां तक की मिल्खा सिंह और पी टी उषा भी यह कारनामा नहीं कर पाई
हिमा दास ने अप्रैल 2018 में राष्ट्रमडल खेलो की 400 मीटर स्पर्धा में छठा स्थान हासिल किया इसमें हिमा ने 51.32 सेकेंड में दौड़ पूरी कर भारतीय अंडर20 रिकॉर्ड बनाया था
हिमा दास का जन्म 9 जनवरी 2000 को हिमा दास असम स्टेट के छोटे से गांव कंदुली गाव से है
हिमा दास के पिता किसान है उनके पास 2 बीघा केवल जमीन है
हिमा के पिता का नाम रंजीत दास और उनकी माता का नाम जोनाली दास है
हिमा अपने 6 भाई बहनों में सबसे छोटी है कुल 17 लोगो का परिवार है सभी खेती करते है
वैसे हिमा दास का बचपन में कैरियर फुटबॉल में बनाने का था