सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

‘Everybody was in a shock’ – ICC to take action for Bangladesh players’ behaviour at the end of U19 World Cup final


Anil Patel, the team manager of India U19 team, has confirmed that the ICC will take action after Bangladesh players’ unacceptable behaviour at the end of the ICC U19 World Cup final. The thrilling final between India and Bangladesh ended on a controversial note thanks to the poor behaviour from the Bangladeshi players.

As soon as the winning run was scored, Bangladesh players ran on to the pitch to celebrate the historic triumph. But few of their players decided to rile up the Indian players with their comments. The Indian players did not take the comments kindly and reacted to it which led to ugly scenes. The players were then seen pushing and shoving each other before the on-field umpire intervened.
Anil Patel has now revealed that the match referee would be studying the footage of the final minutes of the match and update the team on Monday. He confirmed that the Indian team-management was shocked by the events and was set to talk to the match officials before the match referee himself approached them. Patel also said that ICC officials would watch the footage of the incident and would give their verdict on Monday.

“We don’t know what actually happened,” Patel told ESPNcrcinfo. “Everybody was in a shock, absolutely, but we don’t know what happened exactly. The ICC officials are going to watch the footage of the last few minutes and they are going to let us know.”

“The referee came to me. He was sorry about the incident. He clarified the ICC is going to take very seriously what has happened during the match and the last session and they are going to witness the footage and they will tell us in the morning [on the next step],” he added.

Shouldn’t have happened: Akbar Ali
Meanwhile, Bangladesh captain Akbar Ali, who played a big role in the three-wicket win, insisted that the incident should not have happened. He also made it clear that his teammates were at fault for the same before apologizing for the same.

What happened, it should not [have] happened,” Akbar Ali said”Cricket is known for being a gentleman’s game. So I’ll say, I’ll be sorry for my team.” at the post-match press conference. “I don’t know what exactly happened. I didn’t ask what was going on. But, you know, in the final, emotion can come out, and sometimes the boys were getting pumped, and emotions were coming through. As a youngster, it shouldn’t happen. In any position, in any manner, we have to show the respect to the opponent, we should have respect for the game.

“Cricket is known for being a gentleman’s game. So I’ll say, I’ll be sorry for my team,” he added.

वो बॉलर, जिसने एक तानाशाह से पंगा लिया और अपना करियर कुर्बान कर दिया


https://youtu.be/-Mrri0IY08s
पूरे ओवर का वीडियो देखें👆👆👆👆
1999 का वर्ल्ड कप मैच. इंडिया के सामने जिम्बॉब्वे. इस मैच में एक बॉलर ने 5 गेंदों के अंदर 3 विकेट झटक कर इंडिया के मुंह से मैच छीन लिया था. बल्कि यूं कहिए हलक में हाथ डाल कर मैच निकाल लिया था. इस हार से भारतीय समर्थक इतने हत्थे से उखड़े कि उन्होंने अपने खिलाड़ियों के पुतले जलाए. उनके घरों पर पत्थर फेंके. इस सारे आक्रोश को ट्रिगर करने वाला ओवर, जिम्बॉब्वे के फास्ट बॉलर हेनरी ओलंगा ने फेंका था. ओलंगा 3 जुलाई, 1976 को पैदा हुए थे.
उस मैच को हर भारतीय भूलना चाहता है, लेकिन भूल नहीं पाता
सीधे मुद्दे पर आते हैं. इस वर्ल्ड कप के पहले मैच में इंडिया साउथ अफ्रीका से हार चुकी थी. दूसरा मैच सचिन तेंडुलकर नहीं खेल रहे थे. वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वापसी की फ्लाइट पर थे. जिम्बॉब्वे भारत के मुकाबले कमज़ोर टीम मानी जाती थी. सो सभी को उम्मीदें थी कि इंडिया आसानी से जीत लेगी. आसानी से तो नहीं, लेकिन थोड़ी मेहनत से इंडिया जीतती नज़र आ रही थी.
सारे मैच का हाल नहीं बताते हैं. सीधे क्लाइमैक्स पर चलते हैं. 253 रन का टार्गेट चेज़ करती इंडिया के एक वक़्त पर 175 रन पर 6 विकेट गिर चुके थे. वहां से रॉबिन सिंह और नयन मोंगिया ने मैच संभाला. मोंगिया के आउट होने के बाद भी रॉबिन सिंह डटे रहे. भारत मैच जीतने की कगार पर पहुंच चुका था. सिर्फ 9 रन चाहिए थे. 12 गेंदें बची थीं. 3 विकेट हाथ में थे. कप्तान एलिस्टर कैम्पबेल ने गेंद थमाई हेनरी ओलंगा के हाथ में. यही वो घातक ओवर था.
उन छः गेंदों की कहानी, जिसने पूरे इंडिया को रुलाया
पहली गेंद पर रॉबिन सिंह ने 2 रन ले लिए.

दूसरी गेंद को ड्राइव करने के चक्कर में थे. गेंद ने एज लिया और सर्किल के अंदर कप्तान ने डाईव लगाते हुए उम्दा कैच पकड़ा. 7 रन, 10 गेंदे, 2 विकेट.
नए बल्लेबाज़ कुंबले ने अपनी पहली ही गेंद पर एक रन लेकर स्ट्राइक श्रीनाथ को दी. श्रीनाथ अच्छा खेल रहे थे. तब तक 10 गेंदों में 16 रन बना चुके थे. उनसे ज़्यादा उम्मीदें थी.

अगली गेंद पर उन्होंने 2 रन ले लिए. अब सिर्फ 4 रन चाहिए थे. 8 गेंदें बाकी थी. 2 विकेट हाथ में थे.

ओलंगा ने पांचवीं गेंद डाली. श्रीनाथ एक ही गेंद में मैच ख़त्म करने के चक्कर में थे. उन्होंने बल्ला घुमाया. गेंद उनके बैट और पैड के बीच से घुसती हुई स्टंप्स पे जा लगी. भारतीय खेमे में सन्नाटा फ़ैल गया. सबको पता था अगले बल्लेबाज़ वेंकटेश प्रसाद हैं. जिनकी बल्लेबाज़ी उतनी ही अच्छी थी, जितनी हिमेश रेशमिया की एक्टिंग.
ओलंगा अपनी आख़िरी गेंद लेकर दौड़े. महा-नर्वस प्रसाद क्रीज़ में इधर-उधर होने लगे. चहलकदमी करते हुए लेग स्टंप से ऑफ स्टंप की तरफ आए. ओलंगा ने गेंद फेंकी. वो प्रसाद के पैड से आकर टकराई. अभी ओलंगा की अपील पूरी भी नहीं हुई थी कि अंपायर ने उंगली उठा दी. भारत 3 रन से मैच हार गया था. ओलंगा जिम्बॉब्वे क्रिकेट के नए पोस्टर ब्वॉय बन गए थे.
पहला अश्वेत खिलाड़ी जो जिम्बॉब्वे के लिए खेला
हेनरी थांबा ओलंगा का जन्म 3 जुलाई 1976 को हुआ था. उनके पिता केन्या से थे. ओलंगा के पास केन्याई नागरिकता थी. जिम्बॉब्वे की तरफ से उनके खेलने में इस बात से बहुत दिक्कतें आईं. आखिर उन्हें वो नागरिकता छोड़नी पड़ी. जब 1995 में उन्होंने जिम्बॉब्वे की तरफ से डेब्यू किया, तो वो टीम के पहले अश्वेत खिलाड़ी थे. और यंगेस्ट प्लेयर भी. 1998 से लेकर 2003 तक वो जिम्बॉब्वे की गेंदबाज़ी के प्रमुख हथियार बने रहे.
जब सचिन ने लिया था बदला
हेनरी ओलंगा को भारतीय क्रिकेटप्रेमी एक और वजह से भी याद करते हैं. सचिन तेंडुलकर ने एक मैच में उनकी जम के धुनाई की थी. यूं तो सचिन ने दुनिया के सारे ही गेंदबाजों को कभी न कभी धोया है, लेकिन वो मौक़ा ख़ास हो जाता है जब सचिन ऐसा बदला लेने के लिए कर रहे हो. शारजाह में एक ट्राई-सीरीज के लीग मैच में ओलंगा ने सचिन को अपनी बाउंसर पर आउट किया. सचिन को ये बात सालती रही. फाइनल में ओलंगा फिर सचिन के सामने थे. इस बार नज़ारा बदल गया.
सचिन ने पहले ओवर से ओलंगा को निशाने पर धर लिया. उनके 6 ओवर में 50 रन कूट डाले. प्वॉइंट के ऊपर से मारा गया छक्का तो ऐसा था कि भुलाए नहीं भूलता. हर गेंदबाज़ की तरह ओलंगा को भी पता चल चुका था कि क्यों सचिन को दुनिया का सबसे उम्दा बल्लेबाज़ कहते हैं.
क्यों लिया सरकार से पंगा, जिसकी वजह से देश ही छोड़ना पड़ा
2003 वर्ल्ड कप से जस्ट पहले जिम्बॉब्वे में अराजकता चरम पर थी. वर्ल्ड कप के कुछ मैच जिम्बॉब्वे में भी होने थे. कुछ देशों ने वहां खेलने से मना कर दिया. देश में मानवाधिकारों का हनन खुलकर हो रहा था. ऐसे में हेनरी ओलोंगा ने अपने विरोध को दर्ज कराने के लिए सबसे बड़ा स्टेज चुना. वर्ल्ड कप का मैच. अपने बाज़ू पर काली पट्टी बांध कर मैदान में उतरे. इसमें उनका साथ दिया एंडी फ्लावर ने. ज़ाहिर सी बात है इससे सरकार उनसे बुरी तरह खफ़ा हो गई. उन्हें अगले मैचों के लिए ड्रॉप किया गया. यही नहीं, उनको जान से मारने की धमकियां भी मिलने लगीं. ये 1968 में मैक्सिको ओलंपिक्स के बाद दूसरा मौका था जब किसी खेल के आयोजन में इस तरह से रोष जताया जा रहा हो. उस वक्त टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने काली पट्टियां बांधी थीं.
उनके नाम एक वॉरंट निकाला गया. उनपर राजद्रोह का आरोप था. कुछ समय के लिए उन्हें छिप जाना पड़ा. फिर देश भी छोड़ना पड़ा. आखिर उन्होंने इंग्लैंड में शरण ली.

हेनरी ओलंगा का क्रिकेटिंग करियर भले ही छोटा रहा हो, लेकिन उनका देश और पूरी दुनिया उन्हें हमेशा याद रखेगी. एक ऐसे खिलाड़ी के तौर पर, जिसने इंसाफ की आवाज़ बनने के लिए अपना करियर ही कुर्बान कर दिया.

सोमवार, 27 जनवरी 2020

अमेरिका के दिग्गज बास्केटबॉल खिलाड़ी कोबी ब्रायंट.की हुई मौत खेल जगत में मचा हलचल

अमेरिका के दिग्गज बास्केटबॉल खिलाड़ी कोबी ब्रायंट. 26 जनवरी को एक हेलीकॉप्टर क्रैश में उनकी मौत हो गई. कोबी के साथ उनकी 13 साल की बेटी गियाना और सात अन्य लोग भी उस हेलीकॉप्टर में सवार थे. कोई भी नहीं बच पाया. इस हादसे के बीच आठ साल पुराना एक ट्वीट काफी वायरल हो रहा है.
@dotNosa नाम के ट्विटर यूज़र ने 14 नवंबर, 2012 को एक पोस्ट किया था. इसमें उसने ये बताया था कि कोबी की मौत कैसे होगी. लिखा था, ‘कोबी की मौत हेलीकॉप्टर क्रैश से होगी.’
अब इस ट्वीट पर लोगों को काफी हैरानी हो रही है.
हर कोई दुखी और हैरान
अब बात हादसे और इस पर आ रही प्रतिक्रियाओं की. हादसा कैलिफोर्निया लॉस एंजेलिस के बाहरी इलाके में हुआ. लॉस एंजेलिस के शेरिफ एलेक्स विलानुएवा ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया,
‘लॉस एंजेलिस के बाहरी इलाके में सुबह करीब 10 बजे एयरक्राफ्ट क्रैश हुआ. हादसे में ग्राउंड पर मौजूद किसी को नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हेलीकॉप्टर पर सवार सभी 9 लोगों की मौत हो गई.
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, घटनास्थल के पास रहने वाले एक आदमी ने हादसे के बारे में बताया कि क्रैश होने की आवाज बहुत जोर से आई थी. आगे कहा,
‘आवाज बिल्कुल विस्फोट की तरह नहीं थी, लेकिन काफी तेज़ आवाज आई थी. हेलीकॉप्टर या फिर एक जेट की आवाज आई थी. मैं तुरंत घर के अंदर गया और अपने पिता को बताया. जब बाहर आया, तो देखा कि पहाड़ों की तरफ से काला धुआं उड़ रहा है.’
इस खबर ने बास्केटबॉल और कोबी के फैन्स को सकते में डाल दिया. दूसरे खेल से जुड़े खिलाड़ी भी कोबी की अचानक हुई मौत से काफी हैरान और दुखी हैं. सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

विराट कोहली ने भी इंस्टाग्राम पर कोबी के लिए पोस्ट किया है. लिखा है,
‘इस खबर से सच में बहुत हैरान और दुखी हूं. बचपन की बहुत सारी यादें कोबी से जुड़ी हुई हैं. याद है कि बचपन में सुबह जल्दी उठकर उनके खेल को देखता था. जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है. उनकी बेटी की भी इस क्रैश में मौत हो गई. मुझे बहुत दुख हो रहा है. RIP.

रोहित शर्मा ने भी ट्वीट किया. कोबी की तस्वीर पोस्ट करके कहा, ‘खेल जगत के लिए दुख भरा दिन. खेल का एक बहुत महान खिलाड़ी चला गया. कोबी, उनकी बेटी और बाकी सभी पीड़ितों की आत्मा को शांति मिले.’
अक्षय कुमार ने भी कोबी की याद में ट्वीट किया. लिखा,
‘मैं निशब्द हूं. दुनिया ने एक महान एथलीट को खो दिया. बास्केटबॉल के #BlackMamba को RIP. आपने बहुत से छोटे बच्चों को बास्केटबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया. मेरी नीस को भी इंस्पायर किया. स्वर्ग में आपको शांति मिले.’
रणवीर सिंह, फरहान अख्तर, करण जौहर और अनुपम खेर समेत बहुत से लोगों ने कोबी को याद करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किए.

कौन थे कोबी?
अमेरिका के बास्केटबॉल खिलाड़ी थे. उम्र 41 साल थी. अपने पूरे 20 साल के खेल करियर में लॉस एंजेलिस लेकर्स की तरफ से खेलते रहे. कोबी अप्रैल, 2016 में रिटायर हुए थे. पांच बार NBA चैंपियन भी रहे. NBA यानी नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन. ये नॉर्थ अमेरिका की बास्केटबॉल लीग है. इसमें कुल 30 टीम हैं. 29 अमेरिका की और एक कनाडा की टीम है.
साल 2015 में कोबी ने बास्केटबॉल के लिए एक लेटर लिखा था. इसी लेटर के जरिए उन्होंने बास्केटबॉल से रिटायरमेंट का ऐलान किया था. इस लेटर के ऊपर एक एनिमेटेड फिल्म बनी थी, ‘डियर बास्केटबॉल’. इस फिल्म को साल 2018 में बेस्ट शॉर्ट एनिमेटेड फिल्म का ऑस्कर अवॉर्ड भी मिला था.
ब्रायंट की पत्नी का नाम वनेसा लैयन ब्रायंट है. गियाना के अलावा कोबी की तीन और बेटियां हैं. कोबी पर साल 2003 में यौन शोषण के आरोप लगे थे. 19 साल की एक लड़की ने ये आरोप लगाए थे. कोबी ने इन आरोपों को खारिज किया था. कहा था कि दोनों के बीच आपसी सहमति से रिश्ते बने थे. खैर, ये केस कोर्ट ने ड्रॉप कर दिया था, क्योंकि लड़की ने कोर्ट में गवाही देने से इनकार कर दिया था.

सोमवार, 20 जनवरी 2020

रिवॉल्वर लेकर अपनी जान लेने क्यों निकल गया था ये भारतीय गेंदबाज?


प्रवीण कुमार ने अपना आखिरी मुकाबला 2012 में खेला था. 2018 में उन्होंने हर तरह की क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.
क्रिकेट का खेल दिनोंदिन रंगीन होता जा रहा है. दौलत और शोहरत की चकाचौंध बढ़ी है. हमें इस खेल की बाहरी चमक-दमक तो नज़र आती है, लेकिन पर्दे के पीछे एक और दुनिया चलती रहती है. जहां तक हमारा ध्यान नहीं जाता या यूं कहें कि हम दिलचस्पी नहीं लेते.

इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाज प्रवीण कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को इंटरव्यू दिया है. उन्होंने दुनिया को वही अनदेखा हिस्सा बताने की कोशिश की है. इस इंटरव्यू में उन्होंने खिलाड़ियों में डिप्रेशन और मानसिक बीमारी की समस्या पर जोर देकर बात की. उन्होंने अपने डिप्रेशन का अनुभव भी साझा किया है.

किस्सा खत्म करने के लिए निकल गए थे

प्रवीण कुमार ने वो वाकया भी बताया, जब वे अपना रिवॉल्वर लेकर सुसाइड करने निकल गए थे. कुछ महीने पहले की बात है, एक सुबह जब मेरठ में उनकी फ़ैमिली सोई थी, प्रवीण कुमार ने मफ़लर बांधा, रिवॉल्वर रखा और अपनी कार लेकर हरिद्वार के रास्ते निकल गए. इंडिया के लिए खेले लंबा वक्त गुज़र चुका था. शोहरत अचानक से खत्म हो गई थी. यकायक भुला दिए जाने की कसक प्रवीण कुमार के मन में घर कर गई थी. उन्होंने अपने मन में कहा कि अब पूरा किस्सा खत्म करते हैं.

फिर उनकी नज़र कार में लगी अपने बच्चों की तस्वीर पर गई. बच्चों का ख्याल आया तो प्रवीण कुमार होश में आए. उन्होंने सुसाइड का इरादा छोड़ा और वापस लौट आए. जिस उमर में क्रिकेटर खुद को साबित करने के लिए मैदान पर अपनी जान लगा देते हैं, प्रवीण कुमार दवाईयों के सहारे अपनी ज़िंदगी संवारने की कोशिश कर रहे हैं.एक बार बीमार हुए और कैरियर डूब गया

2007 में प्रवीण कुमार को टीम इंडिया में खेलने काम मौका मिला था. 2008 में इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहली त्रिकोणीय सीरीज जीती. इस सीरीज के फ़ाइनल्स में प्रवीण कुमार हीरो बनकर उभरे थे. दोनों फ़ाइनल में एडम गिलक्रिस्ट और रिकी पोंटिंग प्रवीण कुमार के शिकार बने थे.

टूर्नामेंट के चार मैचों में 10 विकेट. 2011 में वनडे वर्ल्ड कप था. टीम में जगह पाने के दावेदार थे. लेकिन टूर्नामेंट से ठीक पहले डेंगू की वजह से बीमार हो गए. बाद में प्रवीण डेंगू से तो उबर गए लेकिन उनका कैरियर इस झटके से नहीं उबर पाया.
मनोज प्रभाकर ने प्रवीण कुमार को स्विंग बोलिंग का जादूगर कहा था.
प्रवीण कुमार एक समय इंडियन पेस अटैक की जान हुआ करते थे. शुरुआती ओवरों में विकेट निकालने का उनका टैलेंट बेजोड़ था. वे अब कहां हैं, इसकी फ़िक्र कम ही लोगों को होगी. कभी विपक्षी बल्लेबाजों में दहशत भरने वाले प्रवीण कुमार ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेला था. 30 मार्च 2012 को खेला गया यह मैच एक T20 मुकाबला था. टीम इंडिया वो मैच हार गई थी. इस मैच के बाद वे इंटरनेशनल क्रिकेट में कभी वापसी नहीं कर पाए. अक्टूबर 2018 में उन्होंने हर तरह की क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया था.

जब डिप्रेशन हावी हुआ

इंडिया में मानसिक अवसाद टैबू की तरह है. कोई इसपर खुलकर बात नहीं करना चाहता. अगर कोई अपनी प्रॉब्लम सामने रखे तो उसे कमजोर समझा जाता है. और जब बात खिलाड़ियों की हो तो ऐसा सोचना भी पाप समझा जाता है. अब धीरे-धीरे लोग खुलने लगे हैं.

विराट कोहली के कैरियर में भी एक ऐसा दौर आया था. उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे. वो मेंटली परेशान थे. लेकिन अपना दर्द शेयर नहीं कर पाए और खेलना जारी रखा. नवंबर 2019 में जब ऑस्ट्रेलिया के स्टार ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने डिप्रेशन की वजह से क्रिकेट से ब्रेक लिया, उनके इस कदम की विराट कोहली ने तारीफ की थी.

प्रवीण कुमार बताते हैं कि अवसाद के लक्षण 2014 के आस-पास ही दिखने लगे थे. टीम इंडिया से ड्रॉप किए गए और IPL का कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं मिला था. वो मेरठ के अपने घर में चुपचाप रहने लगे थे. अपने कमरे में बंद. अकेले ही अपनी गेंदबाजी के वीडियोज देखा करते थे. घंटों तक पंखे को एकटक घूरते हुए लेटे रहते थे. अपना दुखड़ा किसी से बांट भी नहीं पाते थे.

वे कहते हैं,

इंडिया में डिप्रेशन का कॉन्सेप्ट ही कहां होता है? कोई इसके बारे में नहीं जानता और मेरठ में तो बिल्कुल भी नहीं.

डॉक्टरों के साथ लंबा सेशन

प्रवीण कुमार का इलाज शुरू हुआ तो उनको अपने घर से शिफ्ट होकर एकांत में रहना पड़ा. उस दौरान उनसे बातचीत करने के लिए कोई आसपास नहीं होता था. चिड़चिड़ापन हावी हो गया था. दिमाग में बहुत कुछ भरा रहता था. उन्होंने अपने डॉक्टर को कहा था कि बस एक ही चीज उन्हें फिर से ठीक कर सकती है. क्रिकेट के मैदान पर वापसी.
2019 में उन्हें उत्तर प्रदेश अंडर-23 टीम का गेंदबाजी कोच बनाया गया. लेकिन स्थिति उनके मुताबकि नहीं थी, तो वो पोस्ट भी छोड़नी पड़ी. उसी दौरान उन्होंने सबकुछ खत्म करने का प्लान बनाया और तड़के सुबह कार लेकर निकल गए थे. अवसाद के दिनों में उनका वजन भी 15 किलो घट गया था.

वे बताते हैं,

कोई अपनी फैमिली से कितनी बातें कर सकता है? मैं हमेशा से लोगों से घिरा रहा हूं. सड़क पर चलते हुए सलाम दुआ हो गई. अब मुझे किसी से बात करनी होती है तो अपने रेस्टोरेंट जाना पड़ता है.

68 वनडे में 77 और 6 टेस्ट में 27 विकेट. प्रवीण कुमार का इंटरनेशनल कैरियर यहीं पर थमा और फ़िर खत्म हो गया. उन्होंने लंबे समय के बाद अपना दुख साझा किया है. ये किस्सा सबको जानना जरूरी है ताकि स्पोर्ट्स में डिप्रेशन के मुद्दे पर खुलकर बात की जा सके.

मंगलवार, 14 जनवरी 2020

कौन हैं वो लोग, जिनके नाम पर हर साल अवॉर्ड देता है BCCI?



जसप्रीत बुमराह. मौजूदा वक्त में दुनिया के बेस्ट बोलर. पिछले सीजन (2018-19) में किए गए अपने प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने प्रतिष्ठित पॉली उमरीगर अवॉर्ड जीत लिया है. यह अवॉर्ड साल के बेस्ट इंटरनेशनल मेल क्रिकेटर को दिया जाता है. उन्हें BCCI के सालाना अवॉर्ड समारोह में सम्मानित किया गया.

वनडे में दुनिया के नंबर-1 बोलर बुमराह ने साल 2018 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था. इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. बुमराह अब तक साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज़ में एक पारी में पांच विकेट ले चुके हैं. वह ऐसा करने वाले इकलौते एशियन बोलर हैं. BCCI के इस अवॉर्ड समारोह में कई अन्य क्रिकेटर्स को भी सम्मानित किया गया. इस आर्टिकल में हम उन लोगों की बात करेंगे जिनके नाम पर BCCI हर साल अवॉर्ड देती है.आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि इस साल किस प्लेयर को कौन सा अवॉर्ड मिला.

1. जसप्रीत बुमराह – पॉली उमरीगर अवॉर्ड
2. पूनम यादव – बेस्ट इंटरनेशनल क्रिकेटर (महिला)
3. कृष्णामाचारी श्रीकांत – कर्नल सीके नायडू लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
4. अंजुम चोपड़ा – BCCI लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
5. मयंक अग्रवाल – बेस्ट इंटरनेशनल डेब्यू (पुरुष)
6. शेफाली वर्मा – बेस्ट इंटरनेशनल डेब्यू (महिला)
7. दिलीप दोशी – BCCI स्पेशल अवॉर्ड
8. चेतेश्वर पुजारा – दिलीप सरदेसाई अवॉर्ड (2018-19 में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन)
9. जसप्रीत बुमराह – दिलीप सरदेसाई अवॉर्ड (2018-19 में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट)
10. स्मृति मंधाना – 2018-19 में महिला वनडे में सबसे ज्यादा रन
11. झूलन गोस्वामी – 2018-19 में महिला वनडे में सबसे ज्यादा विकेट
12. वीरेंद्र शर्मा – 2018-19 में घरेलू क्रिकेट के बेस्ट अंपायर
13. विदर्भ क्रिकेट असोसिएशन – 2018-19 में BCCI घरेलू सर्किट में बेस्ट परफॉर्मेंस
14. शिवम दुबे – लाला अमरनाथ अवॉर्ड (रणजी ट्रॉफी में 2018-19 का बेस्ट ऑल-राउंडर)
15. नितीश राणा – लाला अमरनाथ अवॉर्ड (2018-19 में डोमेस्टिक लिमिटेड ओवर्स का बेस्ट ऑल-राउंडर)
16. मिलिंद कुमार – माधवराव सिंधिया अवॉर्ड (2018-19 में रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन)
17. आशुतोष अमन माधवराव सिंधिया अवॉर्ड (2018-19 में रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट)
18. मनन हिंगरजिया – MA चिदंबरम ट्रॉफी (अंडर-23 कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी 2018-19 में सबसे ज्यादा रन)
19. सिदक सिंह – MA चिदंबरम ट्रॉफी (अंडर-23 कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी 2018-19 में सबसे ज्यादा विकेट)
20. वत्सल गोविंद – MA चिदंबरम ट्रॉफी (अंडर-19 कूच बेहार ट्रॉफी 2018-19 में सबसे ज्यादा रन)
21. अपूर्व आनंद – MA चिदंबरम ट्रॉफी (अंडर-19 कूच बेहार ट्रॉफी 2018-19 में सबसे ज्यादा विकेट)
22. आर्यन हूडा – जगमोहन डालमिया ट्रॉफी (अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी में 2018-19 में सबसे ज्यादा रन)
23. अभिषेक यादव – जगमोहन डालमिया अवॉर्ड (अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी 2018-19 में सबसे ज्यादा विकेट)
24. दीप्ति शर्मा – जगमोहन डालमिया ट्रॉफी (घरेलू क्रिकेट में 2018-19 की बेस्ट सीनियर विमिन क्रिकेटर)
25. शेफाली वर्मा – जगमोहन डालमिया ट्रॉफी (घरेलू क्रिकेट में 2018-19 की बेस्ट जूनियर विमिन क्रिकेटर)
अब बात उन लोगों की जिनके नाम पर यह अवॉर्ड दिए जाते हैं.
(1)पॉली उमरीगर : यह अवॉर्ड इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान पॉली उमरीगर के नाम पर दिया जाता है. पॉली 1962 में जब रिटायर हुए, तब उनके नाम भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट (59) खेलने, सबसे ज्यादा रन (3,631) और सबसे ज्यादा टेस्ट सेंचुरी (12) मारने का रिकॉर्ड था. साथ ही वह भारत के लिए पहली टेस्ट डबल सेंचुरी मारने वाले प्लेयर भी हैं.
(2)कर्नल सीके नायडू : कर्नल नायडू भारत के पहले टेस्ट कप्तान थे. वह किसी ब्रांड का विज्ञापन करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर थे. उन्हें साल 1956 में पद्मभूषण मिला था. कर्नल नायडू ने 63 साल की उम्र तक रेगुलर फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेली थी. उन्होंने अपना आखिरी फर्स्ट-क्लास मैच 68 साल की उम्र में खेला था
(3)दिलीप सरदेसाई : गोवा में पैदा हुए इकलौते भारतीय क्रिकेटर दिलीप सरदेसाई स्पिन खेलने वाले बेस्ट भारतीय बल्लेबाज माने जाते हैं. कमाल के बल्लेबाज रहे दिलीप ने भारत के लिए 2000 से ज्यादा टेस्ट रन बनाए हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 10 हजार से ज्यादा रन हैं.
(4)लाला अमरनाथ : टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सेंचुरी मारने वाले पहले क्रिकेटर लाला अमरनाथ आज़ाद भारत के पहले टेस्ट कैप्टन थे. उन्होंने साल 1952 में भारत को पहली बार टेस्ट सीरीज जिताई थी. यह सीरीज पाकिस्तान के खिलाफ थी. सेकंड वर्ल्ड वॉर के चलते उनके काफी साल बर्बाद हुए. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 10 हजार से ज्यादा रन है.
(5)माधवराव सिंधिया : कांग्रेस के नेता रहे सिंधिया BCCI के प्रेसिडेंट रह चुके हैं.
(6)एमए चिदंबरम : मशहूर उद्योगपति चिदंबरम लंबे वक्त तक BCCI से जुड़े थे. वह BCCI के वाइस प्रेसिडेंट, प्रेसिडेंट और कोषाध्यक्ष रह चुके थे. इसके अलावा वह 32 साल तक तमिलनाडु क्रिकेट असोसिएशन के प्रेसिडेंट भी रहे थे. चेन्नई के मशहूर चेपॉक स्टेडियम का नामकरण उन्हीं के नाम पर किया गया है. इनके बेटे AC मुथैया भी BCCI के प्रेसिडेंट रह चुके हैं.
(7)जगमोहन डालमिया : इन्हें कौन नहीं जानता. क्रिकेट की शक्ल बदलने वाले डालमिया लंबे वक्त तक BCCI के प्रेसिडेंट रहे थे. उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड को फायदे में पहुंचाया. डालमिया ने भारतीय क्रिकेट को बेहतर करने और वर्ल्ड क्रिकेट में भारत का दबदबा बनाने में बड़ा रोल प्ले किया.

रविवार, 12 जनवरी 2020

धोनी ने बताया- उन्हें वर्ल्ड कप की किस बात का अफ़सोस है?



कैप्टन कूल के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी लंबे समय से क्रिकेट से दूर हैं. 2019 के वर्ल्ड कप सेमीफ़ाइनल में टीम इंडिया की हार के बाद से धोनी ने क्रिकेट नहीं खेला है. टीम में उनकी वापसी को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं. न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वर्ल्ड कप सेमीफ़ाइनल में धोनी उस वक्त रन आउट हो गए थे, जब टीम की सारी उम्मीदें उनके ऊपर टिकी थीं. उनके आउट होते ही टीम इंडिया का तीसरा वर्ल्ड कप जीतने का सपना दूर हो गया था.

रन आउट होने के बाद धोनी क्या सोच रहे थे? ये सवाल हम सबके मन में होगा. अब इसका जवाब मिल गया है. ये बात खुद एमएस धोनी ने बताई. इंडिया टुडे के खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से मुलाकात में धोनी ने बताया कि उन्हें उस वक्त रन भागने के दौरान डाइव न लगाने का ताउम्र मलाल रहेगा.

दरअसल, ये किस्सा इंडिया टुडे के स्पेशल शो ‘इंस्पिरेशन’ में हार्दिक पंड्या के इंटरव्यू के दौरान सामने आया. इस शो को बोरिया मजूमदार होस्ट करते हैं. हार्दिक से पहले इस शो में सचिन तेंडुलकर, रवि शास्त्री, विराट कोहली जैसे दिग्गज क्रिकेटरों का इंटरव्यू हो चुका है.इसी इंटरव्यू के दौरान, मजूमदार ने हफ्ते भर पहले धोनी से हुई मुलाकात का ज़िक्र किया. उन्होंने बताया कि धोनी कैसे आज भी वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में रन आउट होने का मलाल करते हैं? उस रन आउट की बात करते हुए उनके चेहरे पर अफ़सोस पसर जाता है. धोनी कहते हैं कि दो इंच के फ़र्क से कितना कुछ छिन गया.धोनी के रन आउट होने से पहले टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम का माहौल कैसा था? हार्दिक पंड्या ने बताया कि टीम को उम्मीद थी कि धोनी अंतिम ओवर में 15-17 रन आसानी से बना सकते हैं. हार्दिक ने कहा कि आखिरी ओवर जिम्मी नीशम फेंकने वाले थे और 14 सालों से क्रिकेट खेल रहे धोनी को पता था कि वो क्या कर सकते हैं. धोनी का रन आउट होना मैच का सबसे बड़ा ट्रॉमा था. हर कोई शॉक में था. सबके चेहरे लटक गए थे. सब कुछ खत्म हो चुका था. हार्दिक ने ये भी बताया कि कई दिनों तक टीम के प्लेयर्स को नींद नहीं आई. उस झटके को भूलना आसान नहीं था.

सेमीफ़ाइनल में धोनी 49वें ओवर की तीसरी गेंद पर दो रन चुराने के प्रयास में रन आउट हो गए थे. मार्टिन गुप्टिल का थ्रो धोनी के क्रीज में पहुंचने से पहले ही विकेट की गिल्लियां उड़ा चुका था. और, उसी रन आउट के साथ टीम का वर्ल्ड कप 2019 का सफ़र वहीं थम गया था. टीम इंडिया वो मैच 18 रनों से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी.

शनिवार, 11 जनवरी 2020

विराट कोहली का ये रिकॉर्ड देख पोन्टिंग,स्मिथ,धोनी सब आंखें मींच लेंगे


श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टी20 में 78 रनों से जीत. सीरीज़ पर 2-0 से कब्ज़ा. नवदीप सैनी से लेकर केएल राहुल, शार्दुल ठाकुर तक सबकी तारीफ. लेकिन फिर भी विराट कोहली वो कर गए जो दुनिया में कोई नहीं कर पाया.
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 11,000 रन पूरे कर लिए हैं. वो भी इतने तेज़ रफ्तार से कि बाकी सारे क्रिकेटर्स उनसे मीलों दूर हैं. विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टी20 में 196वीं पारी खेली और 11,000 रन पूर कर लिए. जो कि सबसे कम पारियों  में बनाया गया रिकॉर्ड है.
इससे पहले ये रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के लिजेंड्री कप्तान रिकी पोन्टिंग के नाम था. पोन्टिंग ने अंतरराष्ट्रीय की 252 पारियों में 11,000 रन पूरे किए  थे. जबकि ग्रेम स्मिथ इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर खिसक गए हैं. उन्होंने 265 पारियां लीं. वहीं इन तीनों के बाद एमएस धोनी का नंबर आता है. जिन्होंने 324 पारियों में ये रिकॉर्ड अपने नाम  किया था.
विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टी20 में 17 गेंदों में 26 रनों की अहम पारी खेली.
विराट कोहली मौजूदा समय में भारत की वनडे, टेस्ट और टी20 तीनों फॉर्मेट के कप्तान है. टी20 में उन्होंने कुल 2689 रन, वनडे में 11609 और टेस्ट में 7202 रन बनाए हैं.

गुरुवार, 9 जनवरी 2020

धोनी के टीम इंडिया में वापसी पर रवि शास्त्री का ये बयान फैंस को खुश कर देगा


10 जुलाई, 2019 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ विश्वकप 2019 सेमीफाइनल के बाद धोनी फिर कभी मैदान पर
नहीं दिखे. ड्रेसिंग रूम की तरफ जाती अंधियारी सीढ़ियों की तरफ बढ़ते धोनी की वो झलक ही फैंस की आखिरी याद है. इसके बाद से जब भी टीम इंडिया मैदान पर उतरी तो कभी सोशल मीडिया पर, और कभी मैदान पर धोनी को लेकर चर्चा ज़रूर हुई.
हर बार ये पूछा गया कि क्या अब धोनी कभी नहीं आएंगे? या एक बार फिर से आएंगे. धोनी की वापसी से जुड़े सवाल धोनी से भी पूछे गए और बीसीसीआई प्रेसिडेंट से भी. लेकिन हर बार फैंस के सामने एक पर्दा ही रहा. अब एक बार फिर टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने धोनी के भविष्य को लेकर बात की है.
रवि शास्त्री ने धोनी का इंतज़ार कर रहे फैंस को एक तिनके का सहारा दिया है. उन्होंने एक खास बातचीत में कहा है कि अगर धोनी आईपीएल में अच्छा करते हैं तो वो टीम के लिए दावेदार होंगे. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया धोनी कभी भी खुद को टीम पर थोपेंगे नहीं. रवि शास्त्री ने कहा,

”मेरी एमएस से बात हुई है और वो बातें हम दोनों के बीच की हैं. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. जल्द ही वो वनडे क्रिकेट को भी अलविदा कह सकते हैं. ऐसे में वो सिर्फ टी20 क्रिकेट ही खेलेंगे. वो निश्चित तौर पर आईपीएल 2020 में खेलने वाले हैं. एक चीज़ जो मैं धोनी के बारे में जानता हूं वो ये है कि वो कभी भी खुद को टीम पर थोपेंगे नहीं. लेकिन अगर वो आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करते हैं तो…”

इसके बाद उन्होंने आगे कहा,

”हम खिलाड़ी के अनुभव और फॉर्म को तरजीह देंगे. क्योंकि उसे नंबर पांच और छह स्थान पर खेलना होगा. लेकिन अगर धोनी आईपीएल में अच्छा करते हैं तो वो दावेदारी में आ जाएंगे.”

धोनी के अलावा रिषभ पंत को लेकर भी कोच रवि शास्त्री ने बात की. उन्होंने इस 21 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज़ का भी समर्थन किया. कोच शास्त्री ने कहा,

”पंत सिर्फ 21 साल के हैं, 21 साल के कितने विकेटकीपर बल्लेबाज़ों ने शतक जमाया है? उन्होंने बहुत ज्यादा कैच नहीं छोड़े हैं और गलतियां तो सभी से होती हैं. जैसे-जैसे वो परिपक्व होंगे वैसे ही उनमें और सुधार होगा. ऐसे बदलाव रातोंरात नहीं होते. इसमें कोई भी सवाल नहीं है कि वो एक मैच विनर है. वो एक टैलेंटिड खिलाड़ी हैं और अपनी विकेटकीपिंग पर भी जमकर मेहनत कर रहे हैं.”

भारतीय टीम को साल 2020 में अक्टूबर महीने में टी20 विश्वकप खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना है. जिसके लिए भारत का प्रमुख विकेटकीपर कौन होगा ये अभी भी साफ नहीं है.

बुधवार, 8 जनवरी 2020

टीम इंडिया के इस खिलाड़ी ने 24 गेंदों में बदल दिया मैच का रुख!


भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ नवदीप सैनी.
साल 2020 के खेले पहले मैच में भारत ने श्रीलंका को 7 विकेट से हरा दिया. मैच में असली कमाल गेंदबाजों ने किया. भारत और श्रीलंका के बीच इंदौर में दूसरे टी20 मैच में भारतीय गेंदबाज़ों ने बांग्लादेश को महज़ 142 रनों पर रोक दिया. इंदौर के छोटे मैदान पर भारत की इस कमाल गेंदबाज़ी में जिस गेंदबाज़ की सबसे ज्यादा तारीफ हो रही है, वो हैं नवदीप सैनी. नवदीप ने मैच में 4 ओवरों के स्पेल में सिर्फ 18 रन दिए और 2 अहम विकेट भी लिए. लेकिन उनकी तारीफ की असली वजह है उनकी रॉकेट जैसी तेज़ गेंदबाज़ी.

नवदीप ने श्रीलंका के खिलाफ अपने 4 ओवरों के स्पेल में ऐसी तेज़ गेंदबाज़ी की कि फैंस खुश हो गए. अपने चार ओवरों के स्पेल में नवदीप ने सिर्फ 140 या 145 की रफ्तार ही पार नहीं की. बल्कि 150 की स्पीड को भी पार कर गए.

तीसरा ओवर:
नवदीप सैनी आज मैदान पर पहले ही मूड बनाकर मैदान पर उतरे थे. कप्तान कोहली ने नवदीप को पारी के तीसरे ओवर में गेंद सौंपी. नवदीप ने ओवर की आखिरी गेंद 142.2 kph की फेंकी और अपने इरादे साफ कर दिए.
आठवां ओवर:
इसके बाद 8वें ओवर में एक बार फिर कोहली ने नवदीप को चेंज पर लगाया. नवदीप आए. ओवर की पहली तीन गेंदों पर एक रन दिया. लेकिन इसके बाद चौथी गेंद आई 147.5 kph की. 19 गेंदों पर 20 रन बनाकर खेल रही गुणाथिलाका को कुछ समझ नहीं आया कि गेंद कहां आई और कहां चली गई. गेंद सीधे गिल्लियां उड़ा चुकी थी.

10वां ओवर:
इसके बाद भी नवदीप की रफ्तार नहीं थमी. उन्होंने श्रीलंका की पारी के 10वें और अपने तीसरे ओवर में एक गेंद फेंकी जो कि 150 Kph की स्पीड को भी पार कर गई. इस गेंद की सोशल मीडिया पर तारीफ भी हो रही है. ये गेंद इतनी तेज़ थी कि बल्लेबाज़ फर्नांडो का बल्ला तब आगे आया जब गेंद जाकर पैड से टकरा चुकी थी. हालांकि अंपायर ने इसे नॉट-आउट कर दिया.

नवदीप ने इस ओवर में महज़ 3 रन दिए. और तीन डॉट गेंदें फेंकी

15वां ओवर:
अभी उनका आखिरी ओवर बाकी थी. कप्तान कोहली ने पारी का 15वां ओवर सैनी को दे दिया. श्रीलंका की टीम 14 ओवरों में 102/4 रन बनाकर खेल रही थी. सैनी ने ओवर की पहली चार गेंदों में सिर्फ 2 रन दिए. तीसरी और चौथी गेंद पर तो राजपक्षे रन भी नहीं ले पाए. लेकिन फिर आई ओवर की पांचवी गेंद. गेंद की स्पीड थी, 144 kph. बिल्कुल शरीर के पास. राजपक्षे गेंद को बिल्कुल भी नहीं समझ पाए और विकेट के पीछे कैच देकर चलते बने.

नवदीप सैनी श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 में सबसे सफल गेंदबाज़ रहे. श्रीलंका की पारी को महज़ 142 रनों पर रोकने में नवदीप सैनी का अहम योगदान रहा.

भारतीय पिचों पर लगातार 140 से तेज़ रफ्तार से गेंदबाज़ी के बाद नवदीप सैनी को सोशल मीडिया पर जमकर तारीफें मिली. कुछ फैंस ये भी कह रहे हैं कि जब ये गेंदबाज़ भारत की पिचों पर इतनी रफ्तार से गेंदबाज़ी कर रहा है तो फिर ऑस्ट्रेलिया कि पिचों पर तो ये आग ही लगा देगा.

सोमवार, 6 जनवरी 2020

बिग बैश लीग में युवराज सिंह की बराबरी करते-करते रह गया KKR का नया प्लेयर


ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश टी-20 लीग का 9वां सीजन चल रहा है. 6 जनवरी को सिडनी शो ग्राउंड स्टेडियम में एक मैच खेला गया. ब्रिसबेन हीट और सिडनी थंडर के बीच. बारिश की वजह से ये मैच 8-8 ओवर का कर दिया गया. ब्रिसबेन हीट ने पहले बैटिंग करते हुए 119 रन बनाए. लगभग 15 रन प्रति ओवर की औसत से. फिर बारिश हुई तो मैच पांच ओवर का कर दिया गया. सिडनी थंडर को पांच ओवरों में 77 रन का लक्ष्य मिला. डकवर्थ-लुइस नियम के आधार पर. लेकिन सिडनी थंडर 61 रन ही बना पाई. ब्रिसबेन ने ये मैच 16 रनों से जीत लिया.
ब्रिसबेन हीट के 119 के स्कोर में एक बैट्समैन की पारी लाजवाब थी. ये पारी देखकर कोलकाता नाईटराइडर्स वाले खूब खुश हो रहे होंगे. ये पारी थी टॉम बेंटन की. ब्रिसबेन हीट के ओपनर बल्लेबाज टॉम बेंटन ने इस पारी में 19 गेंदों पर 56 रन बनाए. दो चौकों और सात छक्कों की मदद से. इस दौरान बेंटन ने 16 गेंदों में ही पचासा ठोक दिया. बिग बैश लीग के इतिहास की ये दूसरी सबसे तेज फ़िफ़्टी है.
लेकिन इस फ़िफ़्टी से भी खास थी, बेंटन के पांच लगातार छक्के. ब्रिसबेन हीट की पारी का पांचवा ओवर अर्जुन नायर फेंकने आए. पहली गेंद को बेंटन ने रिवर्स स्विप करने की कोशिश की, लेकिन गेंद बैकवर्ड पॉइंट पर खड़े फील्डर से आगे नहीं बढ़ पाई. उसके बाद बेंटन ने धमाल मचा दिया. ओवर की अगली पांचों बॉल्स सीधा सीमा रेखा के पार गिरी, बिना टप्पा खाए.कोलकाता नाईटराइडर्स क्यों खुश होगी?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 13वां सीजन इस साल खेला जाना है. टीमों के खाते में नए खिलाड़ियों को खरीदने के लिए रकम बची थी. 19 दिसंबर, 2019 को कोलकाता में इसके लिए नीलामी हुई. इस नीलामी में कोलकाता नाईटराइडर्स ने 21 साल के टॉम बेंटन को भी खरीदा था. उनके बेस प्राइस पर यानी एक करोड़ रुपये में.
विकेटकीपर बल्लेबाज टॉम बेंटन का इंटरनेशनल अनुभव सिर्फ तीन टी-20 मैचों का है. लेकिन इस खिलाड़ी को इंग्लैंड क्रिकेट का फ़्यूचर बताया जा रहा है.
देखे वीडियो👇👇👇👇👇👇👇👇👇
https://m.youtube.com/watch?feature=youtu.be&v=TVPPtM9yhi4

रविवार, 5 जनवरी 2020

लंका दहन करने में सक्षम है कोहली की सेना


आज से भारत और श्रीलंका के बीच 3 टी20 मैचों की श्रृंखला शुरू हो रही है। इस श्रृंखला में सबकी आँखे विराट और बुमराह पर जमी रहेंगी चूंकि श्रृंखला में रोहित शर्मा के न खेलने से विराट पर भारतीय पारी सम्भालने की अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी वहीं टी 20 अंतरराष्ट्रीय में उनके पहले शतक का सूखा भी 2020 में समाप्त हो सकता है।
भारतीय गेंदबाज़ी के अगुआ जसप्रीत बुमराह की वापसी से भारतीय खेमे का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। बुमराह अपनी घातक गेंदों से किसी भी समय कप्तान को विकेट दिला सकते है साथ ही वो अंतिम ओवरों में किफायती भी रहते है।
कप्तान कोहली का रिकॉर्ड श्री लंका के खिलाफ अत्यन्त शानदार है उन्होंने लंका के विरुद्ध खेले 4 मैचों में 94.33 की लाज़वाब औसत से 283 रन बनाए है जिसमे उनका सर्वाधिक स्कोर 82 रन है ध्यान देने वाली बात ये है कि विराट ने इन चारों मैचों में अर्धशतक लगाए है।  पहले मैच में 7 रन बनाते ही रोहित शर्मा के लंका के विरुद्ध सर्वाधिक रनों (289) के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे साथ ही विश्व में T20 क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन जाएंगे।
श्रीलंका के खिलाफ एक मात्र शतकवीर रोहित शर्मा है जो इस श्रृंखला का हिस्सा नही है। उन्होंने 2 वर्ष पूर्व इंदौर में 22 दिसम्बर 2017 को 43 गेंदों में 118 रनों की पारी खेली थी जिसकी बदौलत भारत ने 261 रनों का लक्ष्य दिया और मैच को 88 रनों से जीत लिया था उस मैच में लोकेश राहुल ने भी बेहतरीन 89 रनों की पारी खेली थी। राहुल पर भी सबकी नजरें रहेंगी  वेस्टइंडीज के खिलाफ राहुल ने दमदार प्रदर्शन किया जबकि ऋषभ और श्रेयस ने भी विंडीज के गेंदबाजों के खूब छक्के छुड़ाए

अंतिम ग्यारह
राहुल, धवन, कोहली, श्रेयस, ऋषभ, शिवम दुबे, जड़ेजा, सुंदर, कुलदीप, बुमराह व नवदीप

इन पर रहेगी निगाह
शिखर ,बुमराह,कुशल परेरा ,ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, अविष्का फर्नान्डो व निरोशन डिकवेला

शनिवार, 4 जनवरी 2020

विराट ने बताया है कि गुवाहाटी की सड़कों पर उन्होंने क्या देखा.

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. कई सेलिब्रिटीज़ ने इसके समर्थन में अपनी बात रखी है. वहीं कई इसके विरोध में हैं. देशभर के जिन राज्यों में सबसे उग्र प्रदर्शन हुए हैं असम उनमें से एक है. भारतीय टीम टी20 मैच खेलने के लिए गुवाहाटी पहुंची है. सीएए को लेकर कप्तान विराट कोहली का बयान आया है. विराट कोहली ने सीएए से जुड़े सवाल पर बचाव भरा जवाब दिया है.भारत और श्रीलंका की टीमें गुवाहाटी में तीन मैचों की टी20 सीरीज़ का पहला मैच खेलने पहुंची है. मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट से जब सीएए पर सवाल किया गता तो उन्होंने कहा,
इस मामले पर मैं गिर जिम्मेदारी के साथ कोई बयान देना नहीं चाहता. इसे लेकर अलग-अलग तरह के विचार आ रहे हैं. मैं इस बारे में पहले पूरी जानकारी हासिल करूंगा. इसके क्या मायने हैं ये जानना ज़रूरी है. इसके बाद जिम्मेदारी के साथ अपनी बात रखूंगा.”
विराट कोहली ने आगे कहा,”आप कुछ कहते हैं और फिर कोई दूसरा कुछ और कहता है. इसलिए मैं किसी भी तरह से ऐसे मुद्दे में उलझना नहीं चाहूंगा, जिसके बारे में मुझे पूरी तरह से जानकारी नहीं है.”
हालांकि राज्य में विरोध प्रदर्शन के बाद मौजूदा हालात में सुरक्षा व्यवस्था से विराट कोहली संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा,
शहर पूरी तरह से सुरक्षित है. हमें सड़कों पर किसी तरह की कोई परेशानी देखने को नहीं मिली.”
असम क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी देवजीत सेकिया ने जानकारी दी है कि मैच के दौरान दर्शक रुमाल और तौलिया जैसी चीज़ें नहीं ला सकते. साथ ही असम के ट्रेडिशनल स्कार्फ को पहनकर भी स्टेडियम में आने पर पाबंदी है.सीएए को लेकर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस बिल से जो रिफ्यूज़ी नागरिक बनेंगे वो आगे चलकर डेमोग्राफी पर दबाव बढ़ाएंगे. जिसके जवाब में सरकार का कहना है कि इस बिल से भारतीय नागरिकों को कोई नुकसान या परेशानी नहीं होगी.

शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

चेतन शर्मा: उस छक्के के लिए सब याद रखते हैं, उस हैट-ट्रिक के लिए कोई नहीं


चेतन शर्मा का नाम आते ही जनता के ज़हन में जावेद मियांदाद का वो छक्का याद आता है. पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी ओवर में टीम में ज़्यादा अनुभवी गेंदबाज़ होने के बाद भी कपिल देव ने गेंद सौंपी थी चेतन शर्मा को. आखिरी गेंद पर मैच अटका था. पाकिस्तान को 5 रन चाहिए थे. यॉर्कर की कोशिश में फुलटॉस निकल गई. जावेद मियांदाद का छक्का और भारत में टीवी फूटे. बस ये सीन याद रहता है. लेकिन इन्हीं चेतन शर्मा ने वर्ल्ड कप की पहली और संभवतया आज तक की सर्वश्रेष्ठ हैट-ट्रिक ली थी.

पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप इंग्लैंड से बाहर आया था. पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट का बुखार चढ़ा हुआ था. नागपुर में पहले बैटिंग करते हुए न्यूज़ीलैंड का स्कोर था 41.1 ओवर में 182-5. रदफोर्ड 26 रन बनाकर खेल रहे थे और मारधाड़ शुरू होने वाली थी. ये 50-50 ओवर का पहला वर्ल्ड कप था.  हालांकि मनोज प्रभाकर के भी 5 ओवर बचे थे लेकिन कपिल देव ने गेंद थमाई अपने पहले 5 ओवर में महंगे साबित रहे चेतन शर्मा को. भारत अपने 5 में से 4 मैच जीतकर पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच चुका था. भारत को ऑस्ट्रेलिया से आगे निकलकर ग्रुप टॉप करने के लिए न केवल जीतना था बल्कि बड़े अंतर से जीतना था. दूसरे ग्रुप में पाकिस्तान शानदार फॉर्म में चल रहा था. भारत के ग्रुप टॉप न करने का मतलब था सेमीफाइनल में पाकिस्तान से उन्हीं के घर लाहौर में सेमीफाइनल खेलना.

42वें ओवर की पहली तीन गेंदें खाली, 4थी गेंद पर रदरफोर्ड बोल्ड, चेतन शर्मा की ऑफ कटर बैट्समैन की रक्षा प्रणाली में जगह बनाती हुई सीधी मिडल स्टंप पर. नए बल्लेबाज़, लंबे हिट लगाने में सक्षम स्मिथ. चेतन शर्मा की तेज़ इन-कटर ऑफ स्टंप ले उड़ी, स्मिथ ने हिलने की भी जहमत नहीं उठाई. ओवर की आखिरी गेंद, चेतन शर्मा की हैट-ट्रिक बॉल का सामना करना था चैटफील्ड को. कपिल देव और चेतन शर्मा ने फील्डिंग दाएं-बाएं करने पर शिखर सम्मेलन किया लेकिन चेतन शर्मा की फुल लेंथ गेंद पर चैटफील्ड विकेटों के अक्रॉस आ गए और गेंद सीधी लेग स्टम्प पर. चेतन शर्मा और क्रिकेट के बुखार में डूबा नागपुर अभिभूत.

इस हैट-ट्रिक में गेंद ने मिडल-ऑफ-लेग तीनों स्टंप हिट किए. ये न भूतो, न भविष्यति हैट-ट्रिक थी. भारत के लिए एक ज़रूरी मैच में न्यूज़ीलैंड 182-5 से सीधे 182-8 पर आ गया. न्यूज़ीलैंड ने 50 ओवरों में 221-9 रन बनाए. भारत को ये लक्ष्य उस ज़माने में 5.25 की औसत से 42.2 ओवर में हासिल करना था.

चेतन शर्मा की हैट-ट्रिक के बाद ऐसा रूख बना कि भारत ने बैटिंग में भी डमरू पीट दिया. चमत्कारिक ढंग से वनडे में भी टेस्ट खेलने के लिए मशहूर गावस्कर ने सबको चौंकाते हुए 88 गेंदों में 103 रन पीट डाले. ये गावस्कर का पहला और एकमात्र वनडे शतक था. श्रीकांत ने मिज़ाज के मुताबिक 58 गेंदों में 75 और अज़हरूद्दीन ने 51 गेंदों में 41 रन बनाए. भारत ने 32.1 ओवर में ही 9 विकेटों से मैच जीत लिया. मैन ऑफ द मैच चेतन शर्मा और सुनील गावस्कर दोनों को दिया गया.चेतन शर्मा से आमतौर पर जावेद मियांदाद के उस  छक्के के बारे में सवाल पूछा जाता है. वह छक्का आज तक चेतन शर्मा के लिए एक न भूलाया जा सकने वाला हादसा बना हुआ है. जबकि हक़ीक़त ये थी कि आखिरी गेंद पर छक्का लगाने से पहले भी जावेद मियांदाद ज़ोरदार फॉर्म में खेल रहा था, पिछले 10 ओवरों में पाकिस्तान ने करीब 110 रन खींच लिए थे. लेकिन एक बार किसी रिपोर्टर ने इस हैट-ट्रिक पर भी पूछ ही लिया तो चेतन शर्मा का जवाब था,’हैट-ट्रिक आनी होती है तो आ जाती है. उस दिन बैट्समैन खुद विकेटों में गेंद जाने दे रहे थे.’

गुरुवार, 2 जनवरी 2020

कभी वर्ल्ड कप के फाइनल में सेंचुरी मार भारत को बनाया था चैंपियन, अब क्रिकेट खेलने से बैन हुआ ओपनर



युवा ओपनर मनजोत कालरा को एक साल के लिए रणजी मैचों से सस्पेंड कर दिया गया है. कालरा को दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन (DDCA) के लोकपाल ने सस्पेंड किया. कालरा पर यह सस्पेंशन अंडर-16 और अंडर-19 क्रिकेट के दौरान की गई उम्र की धोखाधड़ी के मामले में लगा है. रिपोर्ट्स थीं कि कालरा की असली उम्र बताई गई उम्र से कम से कम एक साल ज्यादा है.
हालांकि ठीक ऐसे ही मामले में दिल्ली के वाइस-कैप्टन नितीश राणा को फिलहाल छोड़ दिया गया है. राणा द्वारा जूनियर लेवल पर की गई उम्र की हेराफेरी को साबित करने के लिए और पेपर्स मांगे गए हैं. एक और अंडर-19 स्टार शिवम मावी का केस BCCI को भेजा गया है. मावी अभी सीनियर लेवल पर उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हैं.
# रणजी भी नहीं खेलेंगे
पदमुक्त हो रहे लोकपाल रिटायर्ड जस्टिस बद्र दुर्रेज़ अहमद ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन यह आदेश सुनाया. PTI के पास मौजूद इसकी कॉपी कहती है कि कालरा अब दो साल तक किसी एज-ग्रुप टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगे. इसके साथ ही उन्हें मौजूदा सीजन की रणजी ट्रॉफी से भी सस्पेंड कर दिया गया है.पिछले साल के अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में सेंचुरी मारने वाले कालरा BCCI के रिकॉर्ड में 20 साल और 351 दिन के हैं. पिछले ही हफ्ते उन्होंने दिल्ली अंडर-23 टीम की तरफ से खेलते हुए बंगाल के खिलाफ 80 रन मारे थे. वह दिल्ली की रणजी टीम में ओपनर शिखर धवन को रिप्लेस करने की रेस में थे.
(इस बारे में PTI से बात करते हुए DDCA सेक्रेटरी विनोद तिहारा ने कहा)👇🏻
‘मुझे यह आश्चर्यजनक लग रहा है कि मनजोत कालरा को उसी अपराध के लिए सजा मिली है, जिसके दोषी कथित तौर पर नितीश राणा भी हैं. हमने मनजोत को सेलेक्ट नहीं किया, क्योंकि यह लोकपाल का आदेश था. उन्होंने इसे रात साढ़े 11 बजे पास किया, दफ्तर छोड़ने के एक दिन पहले. यह अजीब है.’
युवा ओपनर मनजोत कालरा को एक साल के लिए रणजी मैचों से सस्पेंड कर दिया गया है. कालरा को दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन (DDCA) के लोकपाल ने सस्पेंड किया. कालरा पर यह सस्पेंशन अंडर-16 और अंडर-19 क्रिकेट के दौरान की गई उम्र की धोखाधड़ी के मामले में लगा है. रिपोर्ट्स थीं कि कालरा की असली उम्र बताई गई उम्र से कम से कम एक साल ज्यादा है.
हालांकि ठीक ऐसे ही मामले में दिल्ली के वाइस-कैप्टन नितीश राणा को फिलहाल छोड़ दिया गया है. राणा द्वारा जूनियर लेवल पर की गई उम्र की हेराफेरी को साबित करने के लिए और पेपर्स मांगे गए हैं. एक और अंडर-19 स्टार शिवम मावी का केस BCCI को भेजा गया है. मावी अभी सीनियर लेवल पर उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हैं.
#रणजी भी नहीं खेलेंगे
पदमुक्त हो रहे लोकपाल रिटायर्ड जस्टिस बद्र दुर्रेज़ अहमद ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन यह आदेश सुनाया. PTI के पास मौजूद इसकी कॉपी कहती है कि कालरा अब दो साल तक किसी एज-ग्रुप टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगे. इसके साथ ही उन्हें मौजूदा सीजन की रणजी ट्रॉफी से भी सस्पेंड कर दिया गया है.
पिछले साल के अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में सेंचुरी मारने वाले कालरा BCCI के रिकॉर्ड में 20 साल और 351 दिन के हैं. पिछले ही हफ्ते उन्होंने दिल्ली अंडर-23 टीम की तरफ से खेलते हुए बंगाल के खिलाफ 80 रन मारे थे. वह दिल्ली की रणजी टीम में ओपनर शिखर धवन को रिप्लेस करने की रेस में थे.
इस बारे में PTI से बात करते हुए DDCA सेक्रेटरी विनोद तिहारा ने कहा,
‘मुझे यह आश्चर्यजनक लग रहा है कि मनजोत कालरा को उसी अपराध के लिए सजा मिली है, जिसके दोषी कथित तौर पर नितीश राणा भी हैं. हमने मनजोत को सेलेक्ट नहीं किया, क्योंकि यह लोकपाल का आदेश था. उन्होंने इसे रात साढ़े 11 बजे पास किया, दफ्तर छोड़ने के एक दिन पहले. यह अजीब है.’
#फिलहाल बच गए राणा
राणा के मामले में पूर्व लोकपाल ने DDCA को अलग आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अगली सुनवाई से पहले DDCA, राणा के स्कूल DAV सेन्टेनरी नरेला से संपर्क करे और उनके जन्म-प्रमाणपत्र से जुड़े सटीक डॉक्यूमेंट मांगे और अगली सुनवाई में पेश करे.
हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि उनकी जगह आ रहे नए लोकपाल जस्टिस दीपक वर्मा इस मामले में नई जांच कराएंगे या फिर पुरानी जांच को ही आगे बढ़ाएंगे. तिहारा ने आगे कहा,
‘उसे क्लब मैचों में खेलने से भी मना कर दिया गया है. अब उसके माता-पिता को नए लोकपाल से इस आदेश में बदलाव की मांग करनी होगी, तब तक DDCA उसे रणजी ट्रॉफी के लिए सेलेक्ट नहीं कर सकता. हम मजबूर हैं.’
अभी दिल्ली को रणजी ट्रॉफी में पंजाब के खिलाफ मोहाली में खेलना है. सेलेक्टर्स ने इसके लिए शिखर धवन और ईशांत शर्मा को नहीं चुना है. उनकी जगह दाएं हाथ के मिडल ऑर्डर बैट्समेन वैभव कांडपाल और बोलिंग ऑलराउंडर सिद्धांत शर्मा को टीम में शामिल किया गया है.

बुधवार, 1 जनवरी 2020

क्या रहेगा साल 2020 खास भारत के लिहाज से खास तैयारियां करेगा

भारतीय टीम का क्या है प्लान ट्वेंटी ट्वेंटी में
हम बात कर रहे हैं साल 2020 की क्या तैयारी है भारत को कौन कौन
से दौरे पे जाना है और कौन कौन सी टीम भारत दौरे पे आ रही है

(1) भारत दौरे पे श्री लंका आ रही है मात्र 3 ट्वेंटी ट्वेंटी मुकाबले के लिए आ रही है 10 जनवरी तक भारत दौरे पे रहेगी

(2) ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरा करेगा 3 वनडे मैच के लिए ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा 14 जनवरी से 19 जनवरी तक चलेगा

(3) 24 जनवरी से 29 फरवरी तक भारत न्यूज़ीलैंड दौरे पे रहेगी इसमे 5 ट्वेंटी ट्वेंटी मुकाबले खेलेगा 3 वनडे मैच ओर 2 टेस्ट मैच की श्रखला होगी

(4) 12 मार्च से साउथ अफ्रीका भारत दौरे पे आ रही है 3 वनडे मैच के लिए 12 मार्च से 18 मार्च तक यह दौरा चलेगा साउथ अफ्रीका का

(5) अक्टूबर-नवंबर में भारत को ट्वेंटी ट्वेंटी वर्ल्डकप खेलना है

(6) भारत को इसी साल एशिया कप भी खेलना है